अमेरिका ने संभावित हवाई हमले के खतरे का हवाला देते हुए कीव में अपना दूतावास अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। दूतावास ने बयान जारी कर अपने स्टाफ को कामकाज बंद करने और सुरक्षित रहने की सलाह दी है। इसके साथ ही, यूक्रेन में रह रहे अमेरिकी नागरिकों को भी सतर्क रहने और आवश्यक एहतियात बरतने की चेतावनी दी गई है।
पुतिन की चेतावनी का क्या मतलब?
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को घोषणा की कि बैलिस्टिक मिसाइल हमले का जवाब परमाणु हमला करके दिया जा सकता है। इससे यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्या रूस यूक्रेन पर परमाणु हमला करेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने बैलिस्टिक मिसाइल का इस्तेमाल करके रूस की “लक्ष्मण रेखा” पार कर दी है।
इस चेतावनी के बाद यूरोपीय देश परमाणु युद्ध के खतरे को लेकर सतर्क हो गए हैं। नॉर्वे, फिनलैंड, और डेनमार्क जैसे देशों में लोग खाने-पीने की जरूरी चीजें इकट्ठा कर रहे हैं। वहीं, रूस में परमाणु बंकर तैयार करने का काम भी तेजी से शुरू हो गया है।
अमेरिका-रूस तनाव क्यों बढ़ा?
हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन को रूस के खिलाफ लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलों (ATACMS) का इस्तेमाल करने की मंजूरी दी थी। यह मिसाइलें रूस के अंदर भी हमले करने में सक्षम हैं। अमेरिका के इस कदम से व्लादिमीर पुतिन नाराज हो गए और उन्होंने अपनी परमाणु नीति में बदलाव करते हुए कहा कि अगर यूक्रेन ने बैलिस्टिक मिसाइल दागी, तो रूस परमाणु हमला करेगा।
तनाव अचानक क्यों बढ़ा?
तनाव तब बढ़ा जब यूक्रेन ने रूस के अंदर छह लंबी दूरी की अमेरिकी ATACMS मिसाइलें दागीं। इससे पहले यूक्रेन ने इन मिसाइलों का इस्तेमाल सिर्फ सीमावर्ती इलाकों में किया था। ये मिसाइलें 300 किलोमीटर तक मार कर सकती हैं और गेमचेंजर साबित हो सकती हैं।
कुछ देशों का मानना है कि तीसरा विश्व युद्ध अब ज्यादा दूर नहीं है। जानकारों का कहना है कि रूस की नई परमाणु नीति से दुनिया में युद्ध का खतरा और गहरा हो गया है। नाटो देशों ने अपने नागरिकों को सतर्क करते हुए तैयार रहने की सलाह दी है।