पटना: बिहारवासियों के लिए दीपावली से पहले एक बड़ी खुशखबरी आई है। राज्य के कई जिलों में खनिज संपदा के विशाल भंडार का पता चला है। यह जानकारी भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) की हालिया रिपोर्ट से सामने आई है, जिसे जीएसआई ने संबंधित जिलों को अवगत कराया है। जिन जिलों में यह खनिज भंडार मिले हैं, उनमें भागलपुर, बांका, मुंगेर, जमुई, बेगूसराय, आरा, गया, नालंदा और नवादा शामिल हैं। इसके अलावा जीएसआई ने झारखंड के हजारीबाग और गिरिडीह जिलों की भी रिपोर्ट दी है।
जीएसआई की रिपोर्ट में तांबा (कॉपर), जस्ता (जिंक), शीशा (लेड) और अन्य खनिज पदार्थों का उल्लेख किया गया है। बिहार के भागलपुर और बांका जिलों में कुसुम घाट, दिघीबाड़ी और पिंडारा क्षेत्र में तांबा और जस्ता के भंडार पाए गए हैं। इसके अलावा, झारखंड के गोड्डा और देवघर जिलों में भी खनिज पदार्थों का अनुमान जताया गया है। बांका जिले के कटककर क्षेत्र में भी 70 किलोमीटर के दायरे में तांबा, जस्ता और लेड के खजाने मिलने का अनुमान है।
जीएसआई के सर्वे में यह भी पता चला है कि बिहार के अंग प्रदेश क्षेत्र में विशेष रूप से खनिज पदार्थों की प्रचुरता है। मुंगेर के खड़गपुर क्षेत्र में बायोटाइट, ग्रेनाइट स्लेट, अभ्रक, महीन अभ्रक और क्वार्ट्ज मिले हैं। जमुई जिले की पहाड़ियों में भी फॉल्ट बेरसिया, ग्रेनाइट और क्वार्ट्जाइट के संकेत मिले हैं, जो बेशकीमती हैं।
इसके अलावा, बिहार के नालंदा, मुंगेर और राजगीर क्षेत्र में सफेद अभ्रक, आरा में चूना पत्थर और सिलिका, नवादा में आंशिक सोने के संकेत मिले हैं। गया में अभ्रक, बेगूसराय में ब्लैक क्ले, और नवादा में क्वार्ट्ज के भंडार मिले हैं। इन सभी खनिजों का पता लगने से बिहार के विकास के लिए एक नया रास्ता खुल गया है।
जीएसआई की रिपोर्ट ने राज्य के खनिज संसाधनों की बड़ी संभावना को उजागर किया है, जो बिहार के भविष्य के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। इस रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार और केंद्र सरकार इन खनिज संसाधनों का सही तरीके से उपयोग करने के लिए कदम उठा सकती हैं।