पटना. बिहार में इन दिनों सीएम नीतीश कुमार से लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव तक सभी नेता रोजगार पर खूब चर्चा कर रहे हैं. दरअसल हाल के दिनों में रोजगार का सृजन करने के लिए नेता से लेकर उद्योगपति तक नई नई योजनाओं पर चर्चा कर रहे हैं. अडानी , पेप्सिको के अलावा छोटे छोटे अन्य बिजनेस मैन भी बिहार में इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए खास पहल की शुरुआत कर रहे हैं. इसी क्रम में बिहार के चंपारण की धरती के लाल रूपेश पांडेय ने भी बिहार में करोड़ों के निवेश की योजना बनाई है. महाराष्ट्र, हरियाणा समेत अन्य राज्यों में माइक्रो फाइनेंस के क्षेत्र में बड़ा मुकाम बनाने वाले रूपेश पांडेय ने बिहार में इंडस्ट्री लगाने को लेकर इसी हफ्ते बिहार के उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा से भी मुलाकात की है.
इस बारे में रूपेश पांडे ने बताया कि उन्होंने बिहार के उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा जी से खास मुलाकात की है. इस मुलाकात के दौरान उन्होंने मंत्री जी को बिहार में अपने बड़े निवेश की योजना की जानकारी दी है. रूपेश पांडे ने बताया कि वह बिहार में रोजगार के अवसर पैदा करना चाहते हैं. इस संबंध में उन्होंने उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा से भी मुलाकात की है उन्होंने बताया कि वह बिहार के चंपारण में उद्योग को बढ़ावा देना चाहते हैं ताकि वहां ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल सके.
कौन हैं रूपेश पांडेय?
रूपेश पांडे ने बताया कि वह अपने निवेश की योजना को लेकर जल्द ही बिहार सरकार के अन्य मंत्रियों और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सभी मुलाकात करने वाले हैं ताकि वह अपने निवेश की योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी उन तक पहुंच सके. बता दें, रूपेश पांडेय मूल रूप से बिहार के चंपारण के रहने वाले हैं. उन्होंने महाराष्ट्र और हरियाणा जैसे राज्यों में माइक्रोफाइनेंस को लेकर बड़ा काम किया है. अब वे अपने गृह राज्य बिहार में भी रोजगार के अवसर पैदा करना चाहते हैं.
राजनीति में भी एंट्री की तैयारी?
रूपेश पांडेय ने संकेत दिए हैं कि वे आने वाले समय में राजनीति में भी कदम रख सकते हैं. उनका मानना है कि समाज सेवा के लिए राजनीति एक बेहतर माध्यम हो सकती है. रूपेश पांडेय जल्द ही अपनी योजनाओं पर विस्तृत चर्चा के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और अन्य मंत्रियों से भी मुलाकात करेंगे. देखना होगा कि उनकी ये योजनाएं कब तक धरातल पर उतरती हैं और उनका राजनीतिक सफर किस ओर जाता है. फिलहाल, बिहार की जनता को उनसे काफी उम्मीदें हैं.