Bihar News : पैक्स अध्यक्ष और कांग्रेस नेता ललन सिंह समेत दो लोगों की हत्या के मामले में भाजपा नेता समेत 12 आरोपियों को उम्र कैद की सजा मिली है। यह फैसला 20 साल के बाद आया है।
बेगूसराय में चर्चित दोहरा हत्याकांड सह कांग्रेस नेता ललन सिंह हत्या के मामले में ऐतिहासिक फैसला आज आया है। जहां कांग्रेस नेता ललन सिंह समेत दो लोगों की हत्या होने के बाद आज 20 साल बाद फैसला सामने आया है। इस मामले में भाजपा नेता समेत 12 लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। इस फैसला आने के बाद लोगों के बीच काफी चर्चा का विषय बना हुआ है।
2015 में बेगूसराय कोर्ट ने कर दिया बता बरी
आज बेगूसराय सिविल कोर्ट ने हत्या के मामले में भाजपा नेता मिथिलेश सिंह समेत 12 लोगों को हत्याकांड का दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। इस दोहरा हत्याकांड के मामले में बेगूसराय सिविल कोर्ट ने ही सभी आरोपियों को 2015 में बरी कर दिया था। परिजनों ने फिर मामले को हाईकोर्ट में दाखिल किया। हाई कोर्ट में दाखिल होने के बाद बेगूसराय सिविल कोर्ट में ही दोबारा सुनवाई शुरू हुई और जिस कोर्ट ने इन आरोपियों को बरी किया था, उसी कोर्ट ने सभी को उम्रकैद की सजा सुना दी।
2004 में कांग्रेस नेता ललन सिंह समेत दो लोगों की हुई थी हत्या
शाम्हो थाना इलाके में साल 2004 में पैक्स अध्यक्ष और कांग्रेस नेता ललन सिंह समेत दो लोगों की हत्या कर दी गई थी। इसके बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शबा आलम ने मामले की सुनाई की। सुनवाई के दौरान 10 गवाहों की गवाही हुई। इसके बाद सजा सुनाई गई। वहीं कोर्ट ने अकबरपुर पुरानी डीह के रहने वाले भाजपा नेता मिथिलेश सिंह के साथ रोशन सिंह, रविंद्र सिंह, रणधीर कुमार उर्फ दुखा, सुनील सिंह, सुधीर सिंह, संजीव सिंह, कोमल सिंह, शालीग्राम सिंह, अनिल सिंह, मनोज सिंह और रंजीत सिंह को भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 148 और 149 में सजा सुनाई है। अकबरपुर पुरानी डीह के रहने वाले मुकेश सिंह इस हत्याकांड के चश्मदीद गवाह थे। मुकेश सिंह ने ही इस मामले में केस भी दर्ज कराया था। आरोप में उन्होंने बताया था कि 8 मार्च 2004 की रात करीब 8 बजे में ठाकुरबाड़ी के पास मेरे भाई सिपुल सिंह और पैक्स अध्यक्ष ललन सिंह को घेर लिया। इसके बाद गोली मारकर हत्या कर दी।
घेरकर मार डाला और रायफल भी लूट लिया
इस हत्या के बाद मुकेश सिंह ने पुलिस को बताया था कि ‘मैं, ललन सिंह और सिपुल सिंह अग्निकांड के पीड़ितों के बीच राहत सामग्री बांट कर घर लौट रहा था। इसी दौरान ठाकुरबाड़ी के पास मिथिलेश सिंह समेत अन्य लोगों ने घेर कर फायरिंग करने लगे। हम किसी तरह गाड़ी से कूदकर झाड़ी में जाकर छिप गए और घटना को देखते रहे। मिथिलेश सिंह ने हत्या करने के बाद ललन सिंह का राइफल भी लूटलिया था।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया घटनाक्रम
प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक ‘सभी आरोपियों ने दोनों शव को घसीटकर ठिकाने लगाने की कोशिश करने लगे। लेकिन करीब 200 मीटर आगे बढ़ने के बाद लोगों की भीड़ जुट गई। इसके बाद सभी आरोपी वहां से भाग निकले। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शबा आलम के कोर्ट में अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक दिलीप कुमार ने 10 गवाहों की गवाही कराई, जबकि पीड़ित परिवार की ओर से वकील शाह इज्जूर रहमान ने पक्ष रखा। वहीं, बचाव पक्ष की ओर से वकील मंसूर आलम, शशि भूषण झा और राजेश सिंह ने पक्ष रखा।
इसी न्यायलय में हुए थे बरी, अब यहीं मिली उम्र कैद की सजा
अपर लोक अभियोजक दिलीप कुमार ने बताया कि ‘बेगूसराय न्यायालय ने आज ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। बीजेपी नेता मिथिलेश सिंह समेत 12 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। पहली बार ऐसा हुआ है कि जिस जिला न्यायालय ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया था। फिर से उसी कोर्ट में हुई सुनवाई में एडीजे-4 ने सभी 12 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।हत्याकांड में सभी आरोपितों को 2015 में जिला न्यायालय ने रिहा कर दिया था। इसके बाद मुकेश सिंह ने जिला जज के फैसले के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। हाईकोर्ट ने फिर से मुकदमा चालू करते हुए चार महीने के अंदर सुनवाई पूरी करने का आदेश दिया था।