मगध विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी को आमंत्रित नहीं किए जाने पर कार्यकर्ताओं ने आक्रोश जताया है। साथ ही पीएम और राज्यपाल से कुलपति की शिकायत करने की बात कही है।
गया जिले में गुरुवार को हम पार्टी की एक अहम बैठक आयोजित की गई। बैठक में सभी कार्यकर्ताओं ने आक्रोश व्यक्त किया कि मगध विश्वविद्यालय बोधगया में 22वां बिहार आर्थिक परिषद सम्मेलन आयोजित किया गया। इसमें मुख्य अतिथि एवं उद्घाटन केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी सड़क परिवहन राजमार्ग शामिल हुए। विशिष्ठ अतिथि डॉ. अशोक चौधरी ग्रामीण कार्य विभाग बिहार सरकार शामिल हुए। परंतु स्थानीय सांसद और केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी जो लघु सूक्ष्म मध्य उद्योग भारत सरकार के मंत्री हैं, उन्हें न तो आमंत्रित किया गया और न अति विशिष्ठ अतिथियों में नाम दिया गया। जो आक्रोश का मुख्य कारण है।
कुलपति मगध विश्वविद्यालय बोधगया ने इन्हें दलित होने के नाते ऐसा किया, जो घोर निंदनीय है। पार्टी ने इसे पूरे गया लोकसभा क्षेत्र की जनता का अपमान कहा है। जनप्रतिनिधियों और पार्टी नेताओं ने कुलपति के खिलाफ जन आक्रोश निकालने के भी बात कही। यह कुलपति न तो सीनेट के सदस्यों को सम्मान दे रही है न तो सिंडिकेट सदस्य को सम्मान दे रहे हैं। जबकि सीनेट के सदस्य भी माननीय हैं, ऐसी स्थिति में पार्टी नेताओं ने बिहार सरकार के कुलाधिपति एवं भारत सरकार के प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर मगध विश्वविद्यालय कुलपति पर कार्रवाई की मांग की है।
अगर पार्टी की मांग नहीं मानी गई तो पार्टी जन आक्रोश मार्च निकालकर इसका विरोध करेगी। साथ ही यह पार्टी मांग करती है कि मगध विश्वविद्यालय के कुलपति को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर उचित कार्रवाई करे। जनप्रतिनिधियों और केंद्रीय मंत्री को शामिल न करके प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया है। इस बैठक में मुख्य रूप से नारायण प्रसाद मांझी, डॉ. शिक़्बातुल्लाह खान उर्फ टूटू खान, ई. नंदलाल मांझी, असद प्रवेज, दिना मांझी, सागर सिंह, संतोष सागर, सत्येंद्र कुमार राय, मनोज मांझी समेत दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद रहे।