दुनिया भर के रईसों के रुतबे के कई किस्से हमने और आपने सुने हैं और उनमें एक चीज कॉमन होती है. Rolls-Royce कौन सी है और कितनी है. ये नाम आपने आप में इतना दमदार है कि इसके आगे कार लिखने की भी जरूरत नहीं. जिसके पास Rolls-Royce है, वही उस शख्स की आर्थिक हैसियत का सबसे मजबूत पैमाना है. ऐसे रईसों के बीच तो बात सिर्फ़ इतनी होती है कि फलां के पास Rolls-Royce Phantom है तो दूसरे के पास Rolls-Royce Ghost. एक शब्द में लिख नहीं सकते, फिर भी कह देते हैं कि Rolls-Royce कार नहीं बल्कि एक स्टेटमेंट है.
मगर आप तो हमारे सुधि पाठक ठहरे. अब तक आपने अंदाज़ा लगा ही लिया होगा कि कुछ तो ऐसा है जो हम बताने वाले हैं. आप सही समझे. दरअसल ये असली Rolls-Royce है ही नहीं. मतलब अपने समृद्ध इतिहास वाली Rolls-Royce तो कब की इतिहास में दर्ज हो गई. तो क्या ये नक़ली है. अरे नहीं जनाब. तौबा-तौबा कैसी बात कर दी. लेकिन ये वो नहीं जो हुआ करती थी. फिर ये है क्या?जब Rolls मिले Royce से
जो आपको लगे कि हम कोई बतोलेबाज़ी करने वाले हैं तो ऐसा बिल्कुल नहीं है. अभी की Rolls-Royce कंपनी महज़ 21 वर्ष पुरानी है. एक-एक बात बताएंगे लेकिन पहले जरा Rolls को Royce से मिला देते हैं. मतलब चलते हैं साल 1904 में जब Charles Rolls और Sir Henry Royce मिले और दुनिया की सबसे तेज कार बनाने का सपना देखा. 1877 में जन्मे Charles Rolls ने कैंब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. कॉलेज के पहले अंडरग्रेजुएट जिनके पास कार हुआ करती थी. यही कार का शौक इतना बढ़ गया कि लगे इंजन से खेलने. इतने मशहूर हो गए कि ‘Dirty Rolls’ और ‘Petrolls’ जैसे निकनेम मिल गए. 1903 में उन्होंने अपनी कार को 83mph (133 किलोमीटर प्रति घंटा) से दौड़ा कर नया रिकॉर्ड भी बना दिया था. हालांकि सरकार ने सबूतों के अभाव में उसे माना नहीं. लेकिन Rolls बड़ा नाम बन चुके थे.
दूसरी तरफ़ थे Sir Henry Royce जो 1863 में पैदा हुए मगर एक बेहद ग़रीब परिवार में. अपना गुजारा चलाने के लिए उन्होंने अख़बार बेचे और तार विभाग में भी काम किया. 14 साल के होने पर उनको अपनी आंटी की मदद से Great Northern Railway Works में काम सीखने का मौक़ा मिला. इस मौके को उन्होंने जाने नहीं दिया और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग सीखी. इसके साथ फ्रेंच भाषा पर भी अपनी पकड़ बनाई. Royce ने अपने टैलेंट के दम पर दोस्त Ernest Claremont के साथ मिलकर एक कंपनी बनाई. कारों के जुनून के चलते उन्होंने French Decauville नाम की कार को ब्रिटेन में आयात किया और उसकी कई खामियां भी ढूंढ निकालीं. जब अपने मन की कार नहीं मिली तो ख़ुद साल 1903 में Royce 10hp नाम से कार बना डाली. उनका नाम भी उनकी कार की रफ़्तार जैसे खूब दौड़ा.